Shiv Ji Ki Aarti ― शिव जी की आरती (Very Powerful)

Shiv Ji Ki Aarti ― शिव जी की आरती ― भगवान श्री शिव जी की आरती करना बहुत ही अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. मनुष्य के समस्त कष्टों को हरने की शक्ति शिव जी की आरती में है.

महादेव शिव औघरदानी हैं, आशुतोष हैं. कब किस पर किस विधि से प्रसन्न हो जाएँ, मेरे अनुमान से यह महादेव शिव भी नहीं जानतें हैं. हम शिव भक्तों को अपना कर्म सही करना है और महादेव शिव की ह्रदय से आराधना करनी है. जिस दिन जिस पल महादेव शिव की कृपा दृष्टि हम पर पड़ जायेगी, उसी क्षण से हमारे समस्त दुखों का अंत हो जायेगा. महादेव शिव हमारा उद्धार कर देंगे.

नमस्कार, सभी शिव भक्तों का www.hdhrm.com में हार्दिक स्वागत है.

शिव जी की आराधना के लिए Shiv Tandav Stotram शिव ताण्डव स्तोत्रम् का गायन करना अत्यंत ही शुभ फलदायक है.

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आज के इस प्रकाशन में हमने महादेव शिव की एक मुख्य आरती तथा कुछ अन्य शिव आरतियाँ भी प्रकाशित की हुई है. हमने सभी आरतियों के इंग्लिश लिरिक्स भी इसी पोस्ट में प्रकाशित की हुई है.

साथ ही शिव जी की आरती से संबंद्धित कुछ ऑडियो और विडियो भी दी हुई है.

इसके अलावा हमने शिव जी की आरती कैसे करें? शिव जी की आरती का महत्व आदि से संबंद्धित भी कुछ चर्चा की हुई है.

पोस्ट थोड़ा लम्बा है, आप इसे पूर्ण रूप से अवश्य पढ़ें, साथ ही किसी भी प्रकार के सुधार के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकतें हैं.

शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti) ― ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा (Om Jai Shiv Omkara Aarti)

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं |
सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि ||

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा,
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा |

ॐ हर हर महादेव ……….

एकानन चतुरानन पंचांनन राजै,
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजै |

ॐ हर हर महादेव ……….

दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अति सोहै,
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहे |

ॐ हर हर महादेव ……….

अक्षमाला, वनमाला, रुण्डमाला धारी,
चंदन, मृदमग चंदा सोहै त्रिपुरारी |

ॐ हर हर महादेव ……….

श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघम्बर अंगें,
सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें |

ॐ हर हर महादेव ……….

कर के मध्ये कमण्डल चक्र, त्रिशूल धरता,
जगकर्ता,जगभर्ता, जगसंहारकर्ता |

ॐ हर हर महादेव ……….

ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका,
प्रवणाक्षर में शोभित ये तीनों एका |

ॐ हर हर महादेव ……….

काशी में विश्वनाथ विराजत नंदी ब्रम्हचारी,
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी |

ॐ हर हर महादेव ……….

त्रिगुण स्वामीजी की आरती जो कोई नर गावें,
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥

ॐ हर हर महादेव ……….

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा,
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा |

ॐ हर हर महादेव ……….

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Maha Shivaratri महाशिवरात्रि कब है?

Video

शिव जी की आरती विडियो (Shiv Ji Ki Aarti) निचे दी गयी है. आप इन विडियो को जरुर देखें.

Shiv Ji Ki Aarti
शिव जी की आरती

Mp3

शिव जी की आरती की Mp3 ऑडियो निचे दी गयी है. आप प्ले बटन को दबाकर सुन सकतें हैं.

Shiv Ji Ki Aarti

शिव जी की आरती ― आरती करो हरिहर की करो नटवर की, भोले शंकर की, आरती करो शंकर की

आरती करो हरिहर की करो नटवर की ,
भोले शंकर की
आरती करो शंकर की |

ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय

सिर पर शशि का मुकुट संवारे,
तारों की पायल झनकारे
धरती अम्बर डोले तांडव
लीला से नटवर की
आरती करो शंकर की |

ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय

फन का हार पहनने वाले ,
शम्भू है जग के रखवाले |
सकल चराचर अगजग नाचे,
ऊँगली पर विषधर की |
आरती करो शंकर की.

ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय

महादेव जय जय शिवशंकर,
जय गंगाधर जय डमरूधर |
हे देवो के देव मिटाओ,
विपदा घर घर की |
आरती करो शंकर की.

ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय

आरती करो हरिहर की करो नटवर की ,
भोले शंकर की आरती करो शंकर की |
जय भोलेनाथ
हर हर महादेव.

ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय

शिव जी की आरती ― शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥

शीतल मन्द सुगन्ध पवन,
बह बैठे हैं शिव अविनाशी ।
करत गान-गन्धर्व सप्त स्वर,
राग रागिनी मधुरासी ॥

यक्ष-रक्ष-भैरव जहँ डोलत,
बोलत हैं वनके वासी ।
कोयल शब्द सुनावत सुन्दर,
भ्रमर करत हैं गुंजा-सी ॥

कल्पद्रुम अरु पारिजात तरु,
लाग रहे हैं लक्षासी ।
कामधेनु कोटिन जहँ डोलत,
करत दुग्ध की वर्षा-सी ॥

सूर्यकान्त सम पर्वत शोभित,
चन्द्रकान्त सम हिमराशी ।
नित्य छहों ऋतु रहत सुशोभित,
सेवत सदा प्रकृति दासी ॥

ऋषि मुनि देव दनुज नित सेवत,
गान करत श्रुति गुणराशी ।
ब्रह्मा, विष्णु निहारत निसिदिन,
कछु शिव हमकूँ फरमासी ॥

ऋद्धि-सिद्धि के दाता शंकर,
नित सत् चित् आनन्दराशी ।
जिनके सुमिरत ही कट जाती,
कठिन काल यमकी फांसी ॥

त्रिशूलधरजी का नाम निरन्तर,
प्रेम सहित जो नर गासी ।
दूर होय विपदा उस नर की,
जन्म-जन्म शिवपद पासी ॥

कैलासी काशी के वासी,
विनाशी मेरी सुध लीजो ।
सेवक जान सदा चरनन को,
अपनो जान कृपा कीजो ॥

तुम तो प्रभुजी सदा दयामय,
अवगुण मेरे सब ढकियो ।
सब अपराध क्षमाकर शंकर,
किंकर की विनती सुनियो ॥

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।
नंदी भृंगी नृत्य करत हैं,
धरत ध्यान सुर सुखरासी ॥

शिव जी की आरती ― ॐ जय गंगाधर जय हर, जय गिरिजाधीशा

ॐ जय गंगाधर जय हर,
जय गिरिजाधीशा ।
त्वं मां पालय नित्यं,
कृपया जगदीशा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

कैलासे गिरिशिखरे,
कल्पद्रुमविपिने ।
गुंजति मधुकरपुंजे,
कुंजवने गहने ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

कोकिलकूजित खेलत,
हंसावन ललिता ।
रचयति कलाकलापं,
नृत्यति मुदसहिता ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

तस्मिंल्ललितसुदेशे,
शाला मणिरचिता ।
तन्मध्ये हरनिकटे,
गौरी मुदसहिता ॥

क्रीडा रचयति,
भूषारंचित निजमीशम् ‌।
इंद्रादिक सुर सेवत,
नामयते शीशम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

बिबुधबधू बहु नृत्यत,
हृदये मुदसहिता ।
किन्नर गायन कुरुते,
सप्त स्वर सहिता ॥

धिनकत थै थै धिनकत,
मृदंग वादयते ।
क्वण क्वण ललिता वेणुं,
मधुरं नाटयते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

रुण रुण चरणे रचयति,
नूपुरमुज्ज्वलिता ।
चक्रावर्ते भ्रमयति,
कुरुते तां धिक तां ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

तां तां लुप चुप,
तां तां डमरू वादयते।
अंगुष्ठांगुलिनादं,
लासकतां कुरुते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

कपूर्रद्युतिगौरं,
पञ्चाननसहितम् ।
त्रिनयनशशिधरमौलिं,
विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

सुन्दरजटायकलापं,
पावकयुतभालम् ‌।
डमरुत्रिशूलपिनाकं,
करधृतनृकपालम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

मुण्डै रचयति माला,
पन्नगमुपवीतम् ‌।
वामविभागे गिरिजा,
रूपं अतिललितम्‌ ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

सुन्दरसकलशरीरे,
कृतभस्माभरणम्‌।
इति वृषभध्वजरूपं,
तापत्रयहरणं ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

शंखनिनादं कृत्वा,
झल्लरि नादयते ।
नीराजयते ब्रह्मा,
वेदऋचां पठते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

अतिमृदुचरणसरोजं,
हृत्कमले धृत्वा ।
अवलोकयति महेशं,
ईशं अभिनत्वा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

ध्यानं आरति समये,
हृदये अति कृत्वा ।
रामस्त्रिजटानाथं,
ईशं अभिनत्वा ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

संगतिमेवं प्रतिदिन,
पठनं यः कुरुते ।
शिवसायुज्यं गच्छति,
भक्त्या यः श्रृणुते ॥

ॐ हर हर हर महादेव ॥

Lord Shiva Aarti in English

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Shiv Ji Ki Aarti
Lord Shiva
Lord Shiv Aarti

शिव जी की आरती कैसे करें? (How to perform Aarti of Lord Shiva?)

जैसा की सभी शिव भक्तों को ज्ञात ही है की महादेव शिव को प्रसन्न करने की कोई भी ज्ञात विधि नहीं है. महादेव शिव किसी भी विधि-विधान से परे हैं.

महादेव शिव कभी अपने किसी भक्त के छोटी सी बात पर प्रसन्न हो जातें हैं, और उसे मनोवांछित वर दे देतें हैं. तो किसी योगी की कठोर तपस्या से भी प्रसन्न नही होतें हैं.

तो हम सभी शिव भक्त अपने ह्रदय को निर्मल कर महादेव शिव की यथाशक्ति भक्ति और आराधना ही कर सकतें हैं.

यहाँ हमने कुछ साधारण से बातों की चर्चा की है.

शिव जी की आरती के लिए कौन सा दिन उत्तम है?

वैसे तो महादेव शिव जी की आरती के लिए सभी दिन ही उत्तम होता है. परन्तु सोमवार को महादेव शिव का प्रिय दिन माना गया है. इस कारण से सोमवार को शिव जी की आरती के लिए उत्तम दिन माना गया है.

इसी तरह से सावन के महीने को महादेव शिव के प्रिय महीने के रूप में मान्यता मिली हुई है. इस कारण से सम्पूर्ण सावन महीने में शिव जी की आरती करना उत्तम होता है.

इसके अलावा मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में भी शिव जी की आरती करना उत्तम माना गया है.

शिव जी की आरती के लिए कौन सा समय उत्तम माना गया है?

वैसे तो किसी भी समय महादेव शिव जी की आरती की जा सकती है. परन्तु प्रातः काल और संध्याकाल का समय शिव जी की आरती के लिए उत्तम माना गया है.

शिव जी की आरती के लिए कुछ साधारण से नियम क्या हैं?

खुद को स्वच्छ और पवित्र रखें.

ह्रदय को भी पवित्र रखें.

अगर शिव जी का व्रत किये हैं तो सम्पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें.

शिव की सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक पूजा आराधना करें.

शिवलिंग पर जल चढ़ाये.

साथ ही शिव लिंग पर गंगाजल का अभिषेक भी शुभ माना गया है.

बिल्वपत्र, धतूरे का फुल, आक का फुल महादेव शिव का प्रिय है. आप इन्हें शिव जी को अर्पित कर सकतें हैं.

अगर आप विशेष रूप से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहतें हैं तो आप किसी योग्य पंडित या पुरोहित से संपर्क कर सकतें हैं.

शिव जी की आरती का महत्व (Importance of Lord Shiva’s Aarti)

महादेव शिव की भक्ति से या शिव जी की आरती करने से मनुष्य को क्या लाभ होता है? इस बारे में चर्चा करने के लिए भी मैं एक तुच्छ प्राणी हूँ. बड़े बड़े संत सन्यासी इस संबंद्ध में आपको विशेष ज्ञान दे सकतें हैं.

मैं यहाँ साधारण तरीके से कुछ बातों पर चर्चा करने का प्रयास कर रहा हूँ.

  • शिव जी की आरती करने से मनुष्य को महादेव शिव की कृपा की प्राप्ति हो सकती है.
  • जो कोई भी सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ शिव जी की आरती करता है या शिव जी की आरती में सम्मिल्लित होता है, उसके ह्रदय में महादेव शिव के प्रति भक्ति जागृत होती है.
  • यह शिव भक्ति जो मनुष्य के ह्रदय में जागृत हुई है, वह उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है.
  • जहाँ शिव जी की आरती की जाती है, वहां उस जगह के चारों ओर सकारात्मक उर्जा प्रवाहित होने लगती है.
  • इस सकारात्मक उर्जा को आप महसूस कर सकतें हैं.

आज के इस महत्वपूर्ण प्रकाशन को मैं यहीं समाप्त करने की अनुमति चाहता हूँ.

यहाँ हमने कुछ अन्य प्रकाशनों के लिंक भी दिए हैं. आप इन्हें देख सकतें हैं.

श्री शिव चालीसा – Shiv Chalisa in Hindi

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